यह घटना पायल डॉ पायल तडवी की ही नहीं
हर पग पग पर घट रही है
कहीं उच्च कहा जाने वाला वर्ग प्रताड़ित
कहीं निम्न कहा जाने वाला
हाँ फर्क इतना है कि
कौन बहुसंख्यक है
जाति हो
धर्म हो
समुदाय हो
जडे मजबूत जमी हुई है
हर कोई अपने को सही और बडा सिद्ध करने की कोशिश
हमारे समाज का ढांचा ही ऐसा
सोच में जब तक बदलाव नहीं आएगा
दूसरे को कम आंकने की प्रवृत्ति
धर्म के मामले में भी यही बात
हम ठाकुर या चमार पहले हैं
हिंदू और क्रिश्चियन पहले हैं
इंसान बाद में
जब तक ऐसा रहेगा
तब तक पायल जैसी प्रतिभा
अपनी जीवन लीला खत्म करती रहेगी
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Tuesday, 11 June 2019
डॉ पायल तडवी
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