माता से परिचय
स्तनपान यानि अमृतपान
संसार में आते ही जीवनदायी
पहली बूंद मुख में माता का दूध
अपने रक्त से सीचती है
माता के दूध पर प्रथम अधिकार संतान का
पंत जी की पंक्तियाँ
गलती है हिमशिला गठन देह की खोकर
हो जाती है असीम कितनी पयस्विनी होकर
तभी तो माता महान है
नदी को भी हम माता कहते हैं
यह जल देती है
माता दूध देती है
दोनों ही जीवन के लिए
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