भारत माता के दो लाल
एक मोहनदास तो दूसरा लालबहादुर
नाज हुआ माता को
जब ये सपूत जन्म लिए उसकी कोख में
उस दिन माँ भी इतराई होगी
उसकी मिट्टी धन्य हो गई होगी
एक अहिंसा का पुजारी
दूसरा ईमानदारी की मिसाल
एक राष्ट्रपिता दूसरा प्रधानमंत्री
दोनों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई
एक की आधी धोती ने बांध लिया जग को
एक के छोटे कद ने सबको बौना कर दिया
अहिंसा ने हिंसा को चित्त किया
अंग्रेजों भारत छोड़ो का राग छेड दिया
अंग्रेजों को भागने पर मजबूर किया
रगो में जोश है
जय जवान जय किसान नारा था
रंग लाल है लाल बहादुर से
दो अक्टूबर को जन्मे थे ये
यह कभी न भूलें हम
इनके योगदान को याद करें
आज के दिन को तो यादगार बनाए
मन से श्रंद्धांजलि अर्पित करें माता के इन सपूतो को
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Wednesday, 2 October 2019
गांधी और शास्त्री
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