Monday, 11 November 2019

जाहिं विधि राखे राम

किसी ने पूछा
आज आप बडे शांत है
कुछ बोल नहीं रहे हैं
आज मन विचलित है
भावनाओं का बवंडर चल रहा है
ऐसे में क्या बोले या न बोले
डर लगता है
कुरेद कर पूछ भी लेंगे
हम उगल भी देंगे
फिर वह बात हमारी नहीं
सार्वजनिक हो जाएगी
हम तो व्यक्ति है
कभी अच्छा
कभी बुरा
यह तो घटना ही है
तब व्यक्ति होने के नाते
अपनी व्यक्तिगत बातें स्वयं तक सीमित रखे
अपने मन की शांति को विचलित न होने दे
यह अधिकार किसी को न दे
अगर कोई गुस्ताखी करता है
तब उसको दो टूक जवाब दे
जरा भी गुंजाइश न रखे कि
वह फिर वही बात दोहराए
ऐसे लोग हितैषी नहीं है
जहरीले सर्प है
जहर उगलना जिनका स्वभाव है
हर जगह ऐसे सर्प मिल जाएंगे
तुरंत सर कुचल डालिए
कि फिर सर न उठा सकें
यह क्या बना लेंगे
क्या बिगाड़ लेंगे
बस उस ऊपर वाले पर आस्था रखें
जाहिं विधि राखे राम
    ताहि विधि रहिये

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