न जाने कब नेम प्लेट बदल गई
बडे अरमानो से घर बनवाया था
पाइ पाइ जोड़ इसमें लगाया था
सोचा था अपना घर अब यह सपना नहीं
साक्षात सामने बन कर खडा था
खूब मन से सजाया था
बरामदे में फूलों के पौधे लगाए थे
सुबह और शाम की चाय
यही पीया जाएगा
अखबार को जी भर कर पढा जाएगा
दोस्तों के साथ गपशप किया जाएगा
आखिर वह दिन भी आ गया
हो गए रिटायर
रहने को प्रस्थान किया अपने घर
पर यह क्या ??
यहाँ तो नेम प्लेट बदली हुई है
बेटे और बहू के नाम की लगी है
बरामदे के एक कोने में चारपाई डाल दी है
यही रहिए आराम से
अंदर जाने की जरूरत नहीं है
खाना पानी मिल जाएंगा
अब कहाँ आना जाना है
चुपचाप पडे रहे
आया था रहने अपने घर
मिला बरामदा का एक कोना
लगा बेघर हो गए
क्या सोचा था क्या हो गया
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Friday, 8 November 2019
नेमप्लेट
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