रंगों की यह दुनिया
कभी-कभी इतनी बदरंगी भी
इंसान का मूल्य लगाती है
उसके शारीरिक रंग से
काला और गोरा के बीच उलझे लोग
जान ही नहीं पाते हैं
वे क्या गलत कर रहे हैं
साँवले और काले व्यक्ति का मजाक
उनको तुच्छ भाव से लेखना
बहू तो गोरी ही चाहिए
चाहे कौशल हो या न हो
गूंगी गुडिया भी गोरी ही होती है
सुन्दर होती है
पर भावनाहीन होती है
इंसान के पास भावना होती है
उसे दुख होता है
जब उसे उपेक्षित नजरों से देखा जाता है
यह हर तबके की बात है
अभिनेत्रियों ,कलाकारों से लेकर सामान्य गृहिणी तक
विज्ञापन में भी गोरा कैसे दिखना है
इस पर नए-नए उत्पाद
पता नहीं यह मानसिकता कब खत्म होगी
घर से लेकर बाहर तक
इसका सामना करना पडता है
हालांकि कोई कुछ बिगाड नहीं सकता
पर अपने को श्रेष्ठ साबित करने के लिए तुच्छ दृष्टि से लेखना
चाहे काबिल हो या न हो
आत्म संतुष्टि के लिए
पर यह भूल जाते हैं
यह बडा घातक है
ईश्वर ने दुनिया रंग-बिरंगी बनाई है
सब उसी की औलाद है
इस रंग बिरंगी दुनिया को
बेर॔ग न बनाए
अपने तुच्छ विचार से
छोटी सोच से
रंग देखकर प्रेम करना
यह तो दिवालिया मानसिकता को दर्शाता है
अगर आपकी भी यही सोच है
तो छोड़ दें
मन को बेरंग मत बनाइये
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Wednesday, 13 November 2019
रंगो की दुनिया को अपनी सोच से बेरंग करने वाले से दूर रहे
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