सब कुछ मिले
यह जरूरी तो नहीं
जो मिला है
वह कम भी तो नहीं
कहीं कम कहीं ज्यादा
कहीं मीठा कहीं कडवा
कहीं खट्टा कहीं कसैला
पर जो भी मिला
वह अपना है
बहुमूल्य है
उस पर नाज हो
रोष नहीं
शांति हो अशांति नहीं
खुशी हो पीडा नहीं
संतुष्टि हो असंतोष नहीं
उसको संभालना है
उसका आदर करना है
क्योंकि जो हमारे पास है
वह कईयों के पास नहीं
ईश्वर का शुक्रिया अदा करना है
इतना कुछ दिया है
ऐसा तो नहीं कि
हम खाली हाथ है
बहुत कुछ हमारी झोली में है
झोली उतनी ही भरी
जितना हम उठा सकते है
सबको अपनी अपनी किस्मत
अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार
जो भी मिला है
उसे मन से स्वीकार करना है
निराशा के गर्त में गोते लगाने से
कुछ हासिल नहीं
जिंदगी नर्क हो जाएगी
जीना है तो
जो है पास
वही सबसे खास
उसी में रहो सदा आनंद
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Tuesday, 17 December 2019
जो है पास वही सबसे खास
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