आज वह याद आ गए
बहुत याद आ गए
भूले तो कभी न थे
स्मृतियों में सहेजा था
सुकून था
सही सलामत है
अच्छी तरह रह रहे हैं
पता चला
आज वह इस दुनिया से चले गए
बहुत बार सोचा
चलो मिल आए
पर वह हो न पाया
ज्यादा दूर नहीं
कुछ फासलो पर ही था
उनका आशियाना
पर हमें भी कहाँ फुर्सत थी
जब दुनिया को रूखसत कर गए
तब उनके जनाजे में जाना है
जीवित थे
तभी मिल लेते
कितना अच्छा लगता
स्वयं को भी
उनको भी
पर वह हो न पाया
आज तो निर्जीव पडे हैं
बस जल्दी बिदा करना है
बहुत सारे ताम झाम मरणोपरांत
इससे पहले कुछ थोड़ा सा ही कर देते
अपना कीमती क्षण दे देते
तब वे मायूस न होते
हम मशगूल रहे
वह चल दिए
दुनिया जहान को छोड़
अब बस सोच रहे हैं
सोचा तो था मिलना
पास बैठ बतियाना
पर वह हो न पाया
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Friday, 17 January 2020
पर वह हो न पाया
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