करोना तो है भारी
सोशल डीशस्टिंग है जरूरी
तभी बच पाएगी जिंदगानी
यह तो कुछ दिन का है
चला ही जाएंगा
आज नहीं तो कल
कुछ जीव ऐसे भी हैं
जो अदृश्य तो नहीं
साथ ही रहते हैं
इधर की उधर करते हैं
इनको पहचानना भी मुश्किल
मुंह पर मीठी मीठी
पीठ पीछे जहर उगलना
अपनी जकड़ में ले लेना
ऐसा जाल बिछाना
सबको अपनी गिरफ्त में ले लेना
ऐसे लोगो से तो सोशल डीशस्टिंग है जरूरी
हमेशा रखे दूरी
नागिन जैसा नाचेंगे यहाँ वहाँ
जम कर जहर उगलेगे
भोले ऐसे बनेंगे
जैसे है अंजान
चिकनी चुपड़ी बातों में फंसाएगे
हालचाल जानने के बहाने सब उगलवाएगे
सहानुभूति का मरहम लगाएंगे
बाहर जाकर चुगली वाली बीमारी फैलाएगे
मासूमियत का चोला ओढ़
पीठ में खंजर भोकेगे
तो ऐ मेरे प्यारे
भाइयों और बहनों
ऐसे लोगों से दूर रहना
उनकी बातों में मत आना
सोशल डीशस्टिंग बनाए रखना
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