Friday, 2 October 2020

बेटी मेरी साथी

जब पहली बार तुमको देखा
मिचमिची सी ऑखे
पतले पतले होठ
लाल गुलाबी चेहरा
छोटे छोटे हाथ
न जाने क्या टटोल रहे थे
देखती ही रह गई
यह है मेरी बेटी
मेरी संतान
मेरे जिगर का टुकड़ा
कोमल हाथ को हाथों में भर लिया था
यह हाथ अब मेरा साथ बन गए थे
यह स्पर्श मुझे आह्लादित कर रहे थे
यह ऑखे कुछ बोल रही थी
मैंने कस कर भींचा
सीने से लगा लिया
मानो कहा उससे
तुम हमेशा मेरे दिल के पास रहोंगी
हर हाल में मैं तुम्हारे साथ रहूँगी
तुममें मैं जीऊगी
मुस्कराऊगी
खिलखिलाऊगी
छलांग भरूंगी
सपनों की उडान ऊडूगी
तुम्हे कभी अकेला महसूस न होने दूंगी
जब तक जान में जान रहेंगी
तब तक मैं तुम्हारे साथ रहूँगी
जो भी होगा
वह देखा जाएगा
साथ यह कभी न छूटेंगा
यह वादा रहा मेरा
तुम्हारा हर फैसला शिरोधार्य
यह हाथ बहुत मजबूत है
इसको पकडे रहना
सब बाधा दूर हो जाएंगी
हमेशा दिल में रहोंगी
आज तो यह एहसास हुआ है
यह एहसान किया है मुझ पर
मुझे माॅ बनाया है
इतना बडा सम्मान दिया है
बस अब और कुछ नहीं
अबसे बेटी मेरी साथी
संगीनी और सहेली

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