चलो अपने आप से बातें करते हैं
कुछ अपने में टटोलते है
कुछ सुनते समझते हैं
कुछ पागलपन करते हैं
मन ही मन मुस्कराते है
हंसी आई तो खिलखिलाकर हंस ले
रोना ही क्यों अकेले
हंसने को भी शुमार करते हैं
रोने के मौके तो कम ही
हंसने के अवसर तो हर दिन
हर पल का आनंद उठाते हैं
बात छोटी क्या
बात बडी क्या
बात तो बात ही है
तो कर ले बातें अपने से
वजह ढूंढने की जरूरत नहीं
कहीं जाने की जरूरत नहीं
हम को हम में ही तलाश करना
बहुत मुश्किल तो नहीं
तब आओ बैठो
दो पल अपने पास
अपने आप से बातें कर लो
दिल खोल कर रख दो
स्वयं को स्वयं से मिलाओ
अपनी अहमियत को जानो
आओ कुछ पल बैठे
चलो अपने आप से बातें करें
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Friday, 20 November 2020
चलो अपने आप से बातें करते हैं
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