Thursday, 19 November 2020

अवसर को लपक लें

मुर्गा ने बांग दी
सुबह हुई
सब जागे
सबकी तैयारी शुक
भोजन की जद्दोजहद
अब मुर्गे की भी बारी
कीडे मकोड़े लगा तलाशने
चींटियों की भी खोज
उसका तो यही हर रोज का स्वादिष्ट भोज
आज सोचा
कुछ नया खाया जाय
कुछ अच्छा
यह सब खाते खाते थक गया
थोड़ी दूर पर एक चमचमाती सफेद गोल गोल चीज दिखाई दी
वह रास्ते के कीडे मकोड़े छोड़कर आगे बढ गया
वह सफेद शुभ्र बहुमूल्य मोती था
जब वह मुख में डाला
तो कुछ अजीबोगरीब
कुछ कडा कडा सा
स्वाद भी नहीं
टूटा भी नहीं
उगल दिया
वापस मुडा
अब वहां के कीडे मकोड़े गायब
कोई और आकर खा गया था
अब तो उसे कुछ न मिला
भूखा ही रह गया
तभी कहते हैं न
आधी को छोड़ पूरी को धावे
आधी मिली न पूरी
तभी हाथ में आए हुए अवसर को नहीं जाने देना चाहिए
लपक कर पकड़ ले
शायद उसी में आपका भविष्य छिपा हो

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