बच्चे तो बच्चे ही होते हैं
वे क्या जाने अपना अच्छा - बुरा
उनको क्यों हो भविष्य की चिंता
पढना - लिखना वे क्या जाने
उनका मन तो रमता खेल में
खेलना - कूदना यही तो है बचपन
आप अभिभावक है
कच्ची मिट्टी को गढ कर आकार देना
उसको पकाना
यह तो आप पर है
आप क्या करते हैं
बगिया का माली बडे यतन से पौधा लगाता है
सींचने से लेकर उसको बडा करना
पशु - पक्षियों से बचाना
तभी वह आंधी - तूफान का सामना कर पाता है
फलदार वॄक्ष बन खडा होता है
तब भी देख-रेख तो करना ही पडता है
माता - पिता अगर बने हैं
तब जिम्मेदार भी आप ही हैं
परिवार रूपी बगिया के माली तो आप है
तब आपके पौधे को दिशा देना आपका काम
वह तो सही रूप से करना होगा
तभी आप अपने नन्हे को लहलहाते हुए देख सकते हैं
बच्चे ही जिम्मेदार हैं ऐसा नहीं होता
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