Monday, 11 October 2021

शुभ ही होगा सब

शुभ ही शुभ
शुभ ही होगा सब
मत सोचो कुछ अनुचित होगा
जो होगा उचित ही होगा
ऊपरवाला बैठा है
सबकी बागडोर थाम कर
जो होना है वह होगा
उसकी मर्जी सर्वोपरि
हमारा अच्छा- बुरा हम क्या जाने
भविष्य के गर्भ में क्या है
परिणाम भी क्या होगा
वह तो पता नहीं
जिंदगी की महाभारत का कर्ता धर्ता वह
फल भी उसी के हाथ में
वहीं  नचैया वहीं खेवैया
वही पालनहार
वही तारणहार
वही निर्माण कर्ता
वही विनाशक
वही संहारक
वही जीवनदाता
हम क्या है
वह हम भी नहीं जानते
देखा जाये तो हम शून्य हैं
तब शुभ और अशुभ को छोड़कर
सब उस पर सौंप दो
शुभ ही शुभ
शुभ ही होगा सब ।

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