प्रेम में हिसाब किताब नहीं होता
यह सही है
पर हिसाब किताब बिना जिंदगी नहीं चलती
जब पेट में भूख हो तो वहाँ प्रेम उछाले नहीं मारता
रहने को छत न हो
सोने को बिस्तर न हो
पहनने - ओढने को कपडे न हो
रोजी रोटी का साधन न हो
तब वह प्रेम कितना टिकेगा
प्रेम को टिकाना है
तब इनका जुगाड़ करना पडेगा
कितने दिन घूमेगे
सैर - सपाटे करेंगे
होटल में खाएंगे
उसके लिए भी जेब भारी होना चाहिए
मुफ्त में कुछ नहीं मिलता
ईश्वर का आशीर्वाद भी नहीं
उसके लिए भी तपस्या करनी पडती है
कर्म करना पडता है
प्रयास करना पडता है
अपने सपने साकार करने की जिम्मेदारी स्वयं हमारी है
माता - पिता को दोष
भाग्य को दोष
यह सब फिजूल है
प्रेम को कायम रखना है तो प्रयास करना है
हवा में नहीं उडना है
सपने देखना नहीं साकार करना है
एकदम ऊंचाई पर पहुंचने की अपेक्षा
नीचे से शुरू करना है
झोपड़ी होगी तभी महल भी बनेंगा
एकदम से महलों का ख्वाब देखना
बडी बडी बात करना
उससे जिंदगी नहीं चलती
भावना से नहीं प्रक्टिकल होने से काम चलेगा
जो निर्णय ले रहे हैं वह खुद का हो
पूर्ण निश्चय हो
ठोक बजाकर ले
तब प्रेम करें
ठन ठन गोपाल से नहीं
नही तो वही बात हुई
घर में नहीं दाने
बूढा चली भूनाने
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Tuesday, 5 October 2021
प्रेम करना इतना आसान नहीं
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