आज सब कुछ आसान है
ऑनलाइन का जमाना है
भूख लगी हो तो खाना मंगा लो
राशन चाहिए तो वह भी मंगा लो
घर की आवश्यकता की हर चीज हाजिर
बस मोबाईल या लैपटॉप पर टिप टिप करो
हो गया काम आसान
कपडे- जूते से लेकर फैशन का हर सामान
साबुन - सर्फ से लेकर हर दैनिक जरूरत पूरी
फर्नीचर और घर सजावट का हर सामान उपलब्ध
पसंद न हो तो वापस करने की भी झंझट नहीं
वापस कर दो
देखदाख लो
कितना आसान है न सब
अब टैक्सी और बस का इंतजार नहीं
ओला - उबर बुक करो
दरवाजे पर आकर खडी
अब टिकट रिजर्वेशन के लिए काऊंटर पर जाने की जरूरत नहीं
रात भर बिस्तर लगाकर सोने की जरूरत नहीं
अब सब कुछ नेट से
कितना आसान है न सब
अब बैंक जाने की जरूरत नहीं
बैंक आपके दरवाजे पर
पैसे निकालने के लिए पे टी एम भी हाजिर
न जाने और कितना कुछ हासिल
डाँक्टर भी ऑनलाइन
टीचर भी ऑनलाइन
पढाई भी ऑनलाइन
तब संबंध भी ऑनलाइन
किसी के यहाँ जाने की क्या जरूरत
मिलने - मिलाने की क्या आवश्यकता
फेसबुक और व्हट्सप हैं न
बातचीत हो जाती है
कुशल - क्षेम जान ली जाती है
एक नहीं हजारों- लाखों मित्र बन जाते हैं
भले ही कभी न मिले हो
हाँ यही तो बात है
मशीन हावी है
संबंध ऑनलाइन है
सच तो यह है
वह प्रेम और अपनापन नहीं है
मशीन के पास तो भावना नहीं है न
भावना और प्रेम का आदान-प्रदान
ऑफलाइन ही होगा
ऑनलाइन नहीं
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