बिदा हुए हमारे जाबांज
सबकी ऑखें नम
हर शख्स रोया होगा
जब मुखाग्नि दी जा रही थी बेटी द्वारा
उनका परिवार तो शोक संतप्त है ही
पूरा हिन्दूस्तान शोकमग्न है
हर सैनिक का देश एक परिवार के समान होता है
तभी उसकी सुरक्षा में रत रहते हैं
अपने प्राणों की बाजी लगाते हैं
तब सबका दुखी होना स्वाभाविक है
कितना दर्द महसूस हो रहा था
जब उनकी कारों का काफिला गुजर रहा था
कोई प्रियजन छोड़ कर जा रहा हो
आज हर ऑख नम है
हर दिल रो रहा है
मृत्यु पर तो किसी का बस नहीं
होता तो कोई अपनों को जाने नहीं देता
यही इंसान विवश है
कितना भी कुछ कर ले
नियति के आगे कुछ नहीं चलता
कौन जानता था
ये लोग इस तरह काल के गाल में समा जाएंगे
सभी को श्रद्धांजलि
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Friday, 10 December 2021
सभी को श्रद्धांजलि 🙏🙏🌹🌹
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment