Tuesday, 4 January 2022

आज नहीं तो कल

छोटी सी गौरैया
है बडी साहसी
कभी न हार मानने वाली
कल ही तो मैंने तेरे घोंसले को हटाया था
छज्जे पर से
उठाकर बाहर कचरे के ढेर में
कुछ देर तो तूने चीं चीं किया
फिर जुट गई काम में
तिनका-तिनका लाकर इकठ्ठा करने लगी
मैं तेरा यह खेल देखती रही
तुझे डर भी नहीं फिर कोई उखाड़ फेकेगा
तू अपनी ही धुन में
सांझ होते होते फिर घोंसला तैयार
मैं सोचती रही
कि अबकी बार हटाऊ कि नहीं
बेचारी कितनी मेहनत से बनाई हैं
तिनका-तिनका जोड़कर सुबह से लगी है
अचानक मुस्कान आ गई
नहीं इस बार नहीं
और एक सीख भी मिली
न निराश होना है
न शिकवा - शिकायत करना है
बस ईमानदारी और मेहनत से काम करना है
कभी तो तुम्हें लोग पहचानेगे
तुम्हारे काम की कदर करेंगे
आज नहीं  तो कल
वह दिन अवश्य आएगा

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