खुशबू फूलों की हो
इत्र की हो
फल की हो
पेड़- पौधों की हो
एक आनन्द की अनुभूति कराती ही है
ऐसा नहीं है कि
बस इनमें ही खुशबू होती है
जीवों में भी होती है
कुछ पास लाते है
आकर्षित करते हैं
कुछ दूर करते हैं
सबसे खास खुशबू होती है
मानव की
उसके व्यक्तित्व की
अगर दया , प्रेम ,करूणा, परोपकार
उसमें समाएं हैं
तब उसकी इस खुशबू से लोग खींचे चले आते हैं
उसके सामने मन खोलना चाहते हैं
बतियाना चाहते हैं
ऐसा व्यक्ति सबको भा जाता है
उस पर विश्वास किया जा सकता है
वह इत्र भले न लगाएं
अपने गुणों की खुशबू से जग महका सकता है
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Monday, 10 January 2022
खुशबू
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