जब मसाले और तेल हो
कुछ गर्म कुछ ठंड
कुछ तीखी कुछ कसैली
कुछ चटक कुछ मटक
किसी का नाम काली मिर्च
किसी का नाम धनिया
किसी का इलायची तो किसी का लौंग
सबकी तासीर अलग-अलग
सब मिलकर जान डाल देते हैं
स्वादिष्ट बना देते हैं
फिर वह चाहे दाल - चावल हो
पनीर - मटर और बिरियानी हो
शाकाहारी हो या मांसाहारी हो
छौंक और तडका जब लगता है
तब भोजन भी जानदार
यही तो स्वाद जीवन में भी चाहिए
तभी तो जीने का रंग निखरेगा
वह होते हैं अपने दोस्त
हर दोस्त अलग-अलग
फिर भी जब साथ मिल जाएं
तब शमा तो रंगीन हो ही जाएंगी
जीवन आसान हो जाता है
जब सब साथ मिलकर खिलखिलाते हैं
तब पूरी प्रकृति उनके साथ हो उठती है
तब यह तो कह ही सकते हैं
मसालों बिना भोजन में स्वाद नहीं
दोस्त बिना जीवन में रस नहीं।
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