कोई मेरी निंदा न करें
सबसे मैं मिलकर रहूँ
कोई मेरा दुश्मन न हो
कोई मेरा विरोधी न हो
ऐसा तो हो नहीं सकता
होना भी नहीं चाहिए
ऐसा हो तब तो
आपका व्यक्तित्व ही कहीं खो जाएंगा
संसार में आए हैं
तब यह सब तो साथ ही चलेगा
सफलता और विफलता
अच्छाई और बुराई
अपनत्व और विरोध
दोस्ती और दुश्मनी
यही सब तो सिखाते हैं
व्यक्तित्व को बनाते हैं
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