हम क्या करें
पन्नों को पलटते रहें
कुछ ढूंढते रहें
कुछ नहीं मिलेगा
वह भरा रहता है तभी मजा पढने का है
मानवीय संवेदनाओं से
भावनाओं- कल्पनाओं से
सुखद- दुखद अनुभूति से
ऐसी पुस्तक जिसका एक पन्ना खत्म न हो
दूसरी पढने की चाह मन में उठे
जब तक खत्म न हो हम सोए नहीं
रात रात भर जाग पढते रहें
कुछ ऐसी बात हो
जो हमें अपनी ओर खींचे
आकर्षित करें
उत्सुकता लाएं
जो मन के करीब लगें
ऐसी किताब पढकर तो देखों
कोरी किताब तो देखने के लिए हैं
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