उस पर किसको बैठाना
किसको हटाना
यह हमको पता है
हम आपके गुलाम नहीं है
कोई घमंड न करें
यह जनतंत्र है
यहाँ किसी की मनमानी नहीं चलने वाली
आज सर पर चढ़ाया है
कल उतार देंगे
इतिहास गवाह है
हमने किसी को बख्शा नहीं है
प्यार से गले लगाया है
धड़ाम से जमीन पर भी गिराया है
हम अति को बर्दाश्त नहीं कर सकते
सबको आईना दिखाया है
कोई गफलत में न रहे
हम किसी के सगे नहीं
न कोई हमारा सगा
काम जो करें सही ढंग से
हम भी सम्मानित करेंगे
हम जनता हैं साहब
जब हमें महसूस होगा
हम कह देंगे
उठो सिंहासन खाली करो कि जनता आती है
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