Thursday, 5 September 2024

हे गुरु । शत शत नमन

तुम तो गुरु हो 
हमारा गुरुर हो 
हम नादान 
तुम कहां इससे अंजान 
तभी तो हमारी हर गलती को करते तहे दिल से माफ
तराश कर तपा कर 
हमें मिट्टी से सोना बनाते 
आकार देते , संवारते
हम अक्सर  दुविधाग्रस्त रहते 
उसमें से तुम हमें निकाल एक अच्छा इंसान बनाते 
कहीं भटक ना जाए हम
इसका भी ख्याल रखते 
कहने को तो यह कुछ समय का नाता 
रहने को सारी उम्र साथ रहता 
जो कुछ सीख  मिली 
उसी का नतीजा 
हम सफलतापूर्वक  जीवन का हर सफर तय करते रहें
आशीर्वाद बना रहें 
आपको शायद हम याद रहें ना रहें 
हमें आप हमेशा याद रहेगें 
क ख ग का ककहरा सीख 
आज हम जीवन जीना सीख गएं 
हम क्या कुछ ना बन जाए 
हर बनने में आप ही तो 
अंजाम से अंजान
मानते हैं 
तुमसे ही तो भगवान 

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