बहुत से पात्र अपने से लगे
किसी ने प्रेरणा दी
किसी ने सहनशक्ति दी
किसी ने परिस्थिति से जूझना सिखाया
कभी कोई मेरा मित्र बना
कभी कोई मार्ग दर्शक बना
किसी ने जीवन दर्शन का मार्ग बताया
कोई तो मेरे साथ हंसा और खिलखिलाया
कोई तो मेरे दुख से दुखित दिखा
किसी ने मेरे ऑसू पोछ धैर्य बंधाया
किसी ने सहनशीलता का पाठ पढ़ाया
किसी ने अपनी जिंदगी खोलकर दिखाई
मानो हर पात्र यह कह रहा हो
मैं यह कर सकता हूँ तो तुम क्यों नहीं
सुख - दुख तो हिस्सा है जीवन का
हार मान बैठ रहना यह तो समस्या का हल नहीं
आँसू बहाने से क्या होगा
भाग्य को स्वीकार और कर्म करना
ईश्वर ही कर्ता - धर्ता
यह सब सीखा मैंने
वह पात्र भले असली न हो
लेकिन कभी-कभार नाजुक पलों में मैंने उनको समीप पाया
पूरी किताब तो याद नहीं रहती
हां उसका सार उसके पात्र जरूर जेहन में रहते हैं
भावनाओं के चढ़ाव - उतार के भागीदार रहते हैं
हमें पता है वे भगीरथ नहीं है जो हमारा उद्धार करेंगे
लेकिन साथी जरूर रहेगें जीवन यात्रा में
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