हर विवाद से दूर रहना था
कभी किसी से न उलझा
कभी-कभार गलत को भी सही मान लिया
जवाब नहीं दिया उल्टा
कभी द्वेष और जलन नहीं रखा
हमेशा सबसे बनाए रखने की कोशिश की
कोई बुरा न माने इसका ख्याल रखा
न कभी किसी को अपना ज्ञान बघारा
न किसी को नीचा दिखाया
न किसी को कमतर समझा
सबसे स्नेहपूर्ण व्यवहार किया
फलस्वरूप लोगों ने हमें यू ही देखना शुरु किया
हम पर ही शेखी बघारने लगे
हमें ही सिखाने लगे
अब करें तो क्या करें
लगता है ज्यादा साधारण बन नहीं रहना
अपना भी एटीट्यूड दिखाना चाहिए
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