Tuesday, 18 March 2025

उड़ान आसमान की

हर पक्षी उड़ सकता है 
पंख मिले हैं उड़ने के लिए 
सबकी उड़ान भी भिन्न-भिन्न 
कोई सतही तो कोई गगन की 
उड़ान भर आकाश तक पहुँच गए 
संभलना भी बहुत जरुरी है 
वह सबके बस की बात नहीं 
ऐसा न हो बीच में ही थक जाए 
धड़ाम से जमीन पर आ गिरे 
हर पक्षी बाज तो नहीं हो सकता 
उसको अपनी मर्यादा पता रहना चाहिए 
कौआ - कबूतर- गौरैया - तोता- मोर
सबकी चाल अपनी अपनी 
राह भी अपनी अपनी 
किसी की घर की दलान और खिड़की 
किसी की कुछ उंचाई तक खड़े पेड़ तक 
वह बाज ही है 
जो धरती से आसमान तक की उंचाई मानता है 
उतुंग उड़ान भरते है 
धरती पर भी बराबर नजर
शिकार देखा कि झपट्टा मारा
बिजली सी फुर्ती 
उड़ान भी भरना है सोच विचार कर
कितना आसमान हमारी मुठ्ठी में समाहित हो सकता है 
यह भी याद रखना है 

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