एक खूबसूरत गुलाब का फूल
पेड़ - पौधों को झूमते
मैंने देखा आज
सूर्योदय की लालिमा को
कुनकुती धूप को
मैंने देखा आज
शुभ्र नीले आकाश को
बादल को भ्रमण करते
मैंने देखा आज
हवा को लहराते- झूमते
समुद्र के उठान - चढ़ाव को
मैंने देखा आज
चिड़ियों को चहचहाते
मुर्गे को बाग देते
सुबह का संदेश देते
मैने देखा आज
अपने को आईने में
मुस्करा कर बोला जैसे वो
क्यों इतनी मायूसी क्यों चेहरे पर
फिर दिन हुआ है
नया जीवन मिला है
सांस चल रही है
सब कुछ सही - सलामत है
एक शुक्रिया तो अदा कर दो
जिंदगी देने वाले का
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