Wednesday, 10 December 2025

ऐ सुबह

ऐ सुबह 
तुम हर रोज आती हो 
आशा की किरण साथ लाती हो 
नव जीवन का संचार करती हो 
प्रकृति का संचालन करती हो 
सब में स्फूर्ति भरती हो 
नव निर्माण का आवाहन करती हो 
नीरव शांति को गुंजायमान करती हो 
सबको कर्म के लिए प्रेरित करती हो 
हर जीव को तुम्हारी प्रतीक्षा
भोर हुई प्रकाश फैला 
सब नींद से जागो 
यह संदेश लाती हो 
उजायमान करती हो 
हर कोने में उजाला 
नही रहता कहीं अंधेरा 
हर जीवन में प्रकाश
कण कण में जीवन 
तुम ही तो संबल
तुम से ही तो संसार 

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