मन की दुनियॉ अजीब ,सारे रंग निराले इसके
हर असंभव को संभव कर देता है मन
मन की उडान को रोकना है मुश्किल
सारे जगत की सैर कराता है मन
बिना किसी साधन और सवारी के
इसके अपने ही पंख है उडान भरने के लिए
परी लोक की सैर हो या स्वर्ग लोक की.
मन से तो कुछ अछूता नहीं है
हम तो प्राणी है इस जमीं के
जहॉ ख्वाब देखना ,कल्पना करना ,भविष्य के ताने-बाने बुनना अनवरत चलता ही रहता है
हकीकत हो या न हो पर ख्वाब देखने से कौन रोकेगा
कभी अतीत की सैर तो कभी अनजाने भविष्य की
कभी मधुर यादों की तो कभी जीवन के भूले -बिछडे क्षणों की
मन ही मन हँसना ,मुस्कराना ,दुखी होना ,आशाएं रखना यह कभी नहीं छोडता
खुश होने पर मन ही मन हंसता है
दुखी होने पर दिलासा भी देता है मन
ठेस तो लगती है पर मरहम भी लगाता है यही
कुछ यादे मीठी तो कुछ कडवी
सब साथ छोड देते है पर मन नहीं
अकेलेपन का साथी है मन
हर घडी चलता रहता है इसे बॉधना मुश्किल.
सच तो है इस जहॉ में सब है बेगाना
केवल मन है अपना
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Monday, 1 February 2016
मन ही अपना बाकी सब बेगाना
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment