Tuesday, 8 May 2018

जीवन

फूलों की महक
चिडियों की चहक
हंसी की खनक
सागर की तरंग
नदी की लहर
तारों की चमक
आसमान सा नीरव
सूरज सा उजाला
पवन सा गतिशील
बारीश की बौछार
वृक्ष की हरियाली
मिट्टी की सुगंध
पक्षी का कलरव
जीवन की सुगबुगाहट
यही तो जीवन
सबको समाहित किए
अकेले कोई नहीं
सब साथ है
हमारे साथ हैं
फिर अकेले पन का आभास क्यों??
सब साथी है
रात- दिन के
पल-पल के.

No comments:

Post a Comment