फूलों की महक
चिडियों की चहक
हंसी की खनक
सागर की तरंग
नदी की लहर
तारों की चमक
आसमान सा नीरव
सूरज सा उजाला
पवन सा गतिशील
बारीश की बौछार
वृक्ष की हरियाली
मिट्टी की सुगंध
पक्षी का कलरव
जीवन की सुगबुगाहट
यही तो जीवन
सबको समाहित किए
अकेले कोई नहीं
सब साथ है
हमारे साथ हैं
फिर अकेले पन का आभास क्यों??
सब साथी है
रात- दिन के
पल-पल के.
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Tuesday, 8 May 2018
जीवन
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