Thursday, 24 May 2018

पानी और पौधा

पौधा लगाया खिडकी मे
अब उसे पानी देना है
पर पानी उसे ही देना.है
उसके नाम पर बरबाद नहीं करना है
आते-जाते लोगों को.नहीं भिगाना है
इतना भी नहीं कि नीचे गिरे
वह तो छोटा. सा है
थोड़ी जरूरत है
एक तरफ आप जीवन दान कर रहे हैं
तो दूसरी तरफ जीवन दायिनी जल का अपमान
पानी की हर बूंद बहूमूल्य
उसका अपव्यय नहीं
संभाल कर रखिए
पौधों के लिए भी
अपने लिए भी
कुदरत की हर देन को जपना है
तभी तो सृष्टि को चलना है

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