काँफी मेरी सबसे अच्छी साथी
काली या गोरी हर रंग मे भाती
दिन हो या रात
हर समय यह हो जाती तैयार
कर देती मुझे ताजातरीन
बनाने मे न कोई मेहनत
न कोई झंझट
एक कप काँफी
आलस को दूर कर जाती
जब भी चाहू
गर्म पानी या दूध में
घोल कर पी ली
मन प्रसन्न हो जाता
सुबह ताजगी से भरती
शाम को सुहानी बना जाती
रात मे नींद भगाती
यह है मेरी सबसे अच्छी साथी
इसे अकेले पीओ
या इसके साथ कुछ खाते हुये
खाना खाने के बाद
या खाना खाने के पहले
गर्मी हो या सर्दी या फिर बरसात
हर मौसम मे देती स्वाद लाजवाब
गरम काँफी हो या कोल्ड काँफी
देशी हो या.विदेशी
अकेले या फिर किसी के साथ
सबके मन को भाती
हर वक्त साथ निभाती
तभी तो कहा जाता है
कितनी भी काँफी पी ले
पर फिर भी वह काफी नहीं
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