Tuesday, 3 December 2019

जिंदगी रेल में

चंदा मामा रात में क्यों आते हैं
दिन में क्यों नहीं
पूछ लिया बच्चे ने मां से
जवाब मिला
वह रात भर चलते रहते हैं
थक जाते हैं
इसलिए दिन में सोते और आराम करते हैं

तब सूरज भगवान का क्या ??
माँ का जवाब
वह दिन भर काम करते हैं
रोशनी देते हैं
शाम होते होते थक जाते हैं
तब रात को सोने और विश्राम करने चले जाते हैं

पर मेरे पापा तो केवल रविवार को ही दिखते हैं
हाँ बेटा वह यात्रा करते हैं
जब देर रात को वे घर आते हैं
तब तुम सोए हुए रहते हो
जब सुबह जल्दी निकलते हैं
तब भी तुम सोए हुए रहते हो

तब क्या पापा का काम चंदा और सूरज से भी कठिन है
हाँ  बेटा
उन्हें काम पर जाने के लिए लोकल ट्रेन पकड़ना होता है
वह काम से भी मुश्किल
यानि उन्हें दो दो जंग लडना पडता है
तब वह घर लौटते हैं

बच्चा कुछ समझ न पाया
ठोंडी पर उंगली रख सोचने लगा
उसे क्या पता
उसके पापा रोज पूना से छत्रपति शिवाजी स्टेशन तक
यात्रा
आधी जिंदगी रेल में
भागम-भाग में
तब जाकर बुनियादी जरूरत पूरी
यह मुंबई जैसे शहर में रहने वाले सामान्य नागरिक
की व्यथा - कथा

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