भूख तो भूख होती है
वह किसी की भी हो
अमीर की हो
गरीब की हो
पढे लिखे की हो
अनपढ़ की हो
देशी की हो या विदेशी की हो
पशु की हो
मानव की हो
सारा संसार इसी के इर्द-गिर्द
सारे जतन इसी के लिए
जब पेट की अंतडिया कुलमुला रही हो
तब स्वाद नहीं देखा जाता
पेट किसी तरह से भरे
कुछ भी मिल जाय
बस भूख मिट जाए
आज महसूस हुआ
खाने में थोड़ी देर क्या हुई
भूख से हाल बेहाल हो गया
वही किचन में सब्जी को कलछी चलाते चलाते
दो बिस्किट पानी से गटका
तब जाकर जान में जान आई
याद आई
उन मजदूरों की जो भूखे हैं
खाने के लिए लाईन लगानी पड रही है
दूसरे पर आसरा
नहीं मिला तो भूखे
ऊपर से बीवी बच्चों के साथ
तब और मुसीबत
सोशल मीडिया पर ऐसे दृश्य देखकर
कलेजा मुंह को आ जाता है
कहावत है न
पेट की भूख जो न कराए
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Sunday, 3 May 2020
पेट की भूख जो न कराए
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