Wednesday, 18 November 2020

फिर भी जिंदगी कहते हैं

कुछ मुस्कुराहटें ऐसी होती है
जिसमें बेशुमार दर्द छिपा होता है
कुछ जिंदगी ऐसी होती है
जो जीते जी जिंदा लाश होती है
कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं
जो बोझ होते हैं
कुछ घर ऐसे होते हैं
जो कहने मात्र को होते हैं
कुछ मन ऐसे होते हैं
जो कभी मचलते नहीं
कुछ जबान ऐसी होती है
वह दिखावे की असल में बेजुबान होती है
कुछ शरीर ऐसे होते हैं
जहाँ चैतन्यता नहीं
फिर भी सब ढोया जाता है
सहा जाता है
जीया जाता है
तिल तिल कर मरा जाता है
तब भी हम उसे जिंदगी कहते हैं

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