Saturday, 6 February 2021

खुदी को कर बुलंद

किस्मत और काबिलियत
कौन है बलशाली
किस्मत का धनी जो ठहरा
सारा सुख उसके कदमों में पडा
काबिलियत जिसके अंदर समाई
सारा संसार उसका कायल हुआ
किस्मत किसी की देन
काबिलियत स्वयं की उपलब्धि
किस्मत कब साथ छोड़ दे
यह तो कोई नहीं जानता
काबिलियत हमेशा परचम फहराएंगी
सफलता के कदमों को चूमेगी
किस्मत हो या न हो
काबिलियत जरूर हो
इस कदर स्वयं को काबिल बनाओ
सारा जमाना काबिले-तारीफ करें
किस्मत से ईष्या हो सकती है
काबिलियत से नहीं
परिश्रम का फल है वह
व्यर्थ नहीं जाता
सौगात तो देता ही है
सौभाग्य बना देता है
नजरों मे चढा देता है
लोहा मनवाता है
तभी तो खुद को ही बुलंद करना है
वह किस्मत से नहीं काबिलियत से होगा

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