क्यों चिंता करता है बंदे
जो करता है वह करता
वह ही जग का दाता
वही हैं हमारा भाग्य-विधाता
हम तो है बेजान खिलौने
प्राणदाता तो वह है
जब तक चाहें वह
तब तक हैं हम
कब क्या करें
वह तो वही जानता
उसके खेल निराले
पाथर में भी फूल खिलाता
उसके करतब से नहीं कोई अंजान
एक पत्ता भी बिन उसकी मर्जी से नहीं हिलता
संसार का कर्णधार
वही सबका आधार
सब छोड़ उस पर
निश्चिंत हो करतब देख उसके
जो करेंगा वह ठीक करेंगा
इतना तो विश्वास रख
वह ईश्वर है
संसार के माता पिता हैं
वे अपनी संतान को दुखी कैसे देख सकते हैं
बस विश्वास तो रख
भगवान जो करेंगे वह ठीक ही करेंगे
हमारी भलाई के लिए ही करेंगे
उसकी मर्जी पर किसका बस
तब छोड़ दे सब उस पर
शांत हो बैठ
प्रार्थना में रम
बोल हर वक्त
हरि बोल हरि बोल
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Tuesday, 13 July 2021
हरि बोल हरि बोल
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment