Tuesday, 13 July 2021

वह पेड़ जो है

नन्हा - मुन्ना हमारा
आम खाकर गुठली जमा कर रहा
कहता है इसे लगाऊँगा
इस पर आम आएंगे तो जी भर खाऊंगा
मुस्करा उठी मैं
कहा उससे
तेरे साथ तो यह आम भी बडा होगा
अंकुर निकलेगा
देखभाल करना होगा
खाद - पानी डालना होगा
तब जाकर यह बडा होगा
लहलहाएगा
फलेगा फूलेगा
तब तक सबसे रक्षा करना पडेगा
चिडियाँ- चुरूंग से

वह बोला क्या मेरे जैसे
मेरी भी तो तुम देखभाल करती हो
तब जब बडा हो जाऊंगा
पढूंगा - लिखूंगा
खूब पैसा कमाऊगा
यह आम फल देगा
मैं पैसे दूंगा
फिर तुम खुशी-खुशी रहना

बातें सुन अच्छी लगी उसकी
मन भर आया
गले से लगा लिया
कल की कौन जाने
आज तो आश्वस्त कर रहा है
साथ ही यह भी ख्याल आया
यह क्या करेंगा
यह तो भविष्य के गर्भ में
हाँ आम का पेड़ जरूर दिल खोल लुटाएगा
फर्क है न
वह पेड़ जो है इंसान नहीं।

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