करवा चौथ हो या तीज
व्रत- उपवास रखें या न रखें
पर सुहाग की मंगल कामना हर नारी करती है
हर रोज हर समय प्रार्थना करती है
उसका सुहाग सही - सलामत रहें
वह अनपढ़ हो या पढी - लिखी
गरीब हो या अमीर
कामकाजी हो या गृहिणी
साधारण हो या असाधारण
क्योंकि एक ही है वह
जो जीवन-साथी है उसकी जगह कोई नहीं ले सकता
रूपया - पैसा
घर - संपत्ति
बाल - बच्चे
नाते - रिश्तेदार
कोई रास नहीं आता उसके बिना
एक गरूर एक अभिमान
हर औरत को रहता है
वहीं है जिस पर उसका पूर्ण अधिकार होता है
जीवन साथी के बिना जीवन खत्म नहीं होता
लेकिन वह बात तो नहीं होती
हर नारी के लिए
वह मैं हूँ या कोई और
यही कहेंगी
तुमसे ही तो हम हैं
तुम नहीं तो कुछ भी नहीं
कुछ भी नहीं।
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Sunday, 24 October 2021
तुम नहीं तो कुछ भी नहीं
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment