किसी से शिकवा - शिकायत करने का मन
अब नहीं करता
पुरानी बातें याद करने का मन
अब ऐसा भास होता है
यह सब तो बस दुख ही देती है
जो होना था वह हुआ
जिसने जो करना था किया
हमारा तो बस नहीं था
बस कुढते रहने के सिवा
यह सब तो चलता ही है
अगर जिंदगी चलायमान है
तब उसके साथ हर कुछ चलायमान
बस चलते रहो
साथ कुछ मत रखो
गंतव्य पर पहुंच गए न
यात्रा में क्या परेशानी हुई
वह याद करके तो कुछ हासिल नहीं
बस जो साथ है
उसी को एंजाय करें।
No comments:
Post a Comment