उसने अपने बच्चों के लिए न जाने क्या क्या किया
अपनी इच्छाओं का त्याग किया
अपनी हैसियत से ज्यादा देने का प्रयास किया
यही बात बच्चों पर जब लागू होती है
तब वह कहते हैं
आपने हमारे लिए किया ही क्या है
दूसरे पैरेन्टस से तुलना करते हैं
यह बात सामान्य रूप से सभी घरों पर लागू
हर पीढ़ी पर लागू
शिकायतों का भंडार खतम नहीं होता
इसलिए इस बात को दिल से लगाने से कोई लाभ नहीं
अगर माता - पिता बने हैं
तब तो यह सुनना सुनिश्चित है
इस कान से सुनो उस कान से निकालो
मुस्कराकर रह जाओ
यह संतान है आपकी
जीवन जीने का कारण है
इनके लिए ही जीया है
तब सुन भी लो
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