Tuesday, 16 August 2022

घर - घर तिरंगा

घर - घर तिरंगा 
जगह-जगह तिरंगा 
तिरंगा का मान रहा
शान रहा , सम्मान रहा
हर एक की आवाज बना तिरंगा 
महल हो या झोपड़ी
सब पर लहराया तिरंगा 

अब इसके बाद क्या ?
स्वाधीनता दिवस का इंतजार 
उस दिन भी फडकेगा 
भारत का गौरव अभिमान से लहराएगा 
यह तो दशकों से हैं 
आजादी से आज तक

बदला क्या है
विकास क्या हुआ है 
देश का भविष्य क्या है
हम जगत में कौन से पायदान पर खडे हैं 
यह भी प्रश्न चिन्ह है ??

यह किसी समारोह का आयोजन या झांकी नहीं 
लोगों की स्वतंत्रता,  अधिकार से जुड़ा है
सबसे बडे प्रजातंत्र से जुड़ा है
जनता की आवाज से जुड़ा है
थोपा हुआ नहीं  भावना से जुड़ा है
जन गण मन का जय सबसे जुडा है
हर जन की जय
लोकतंत्र की जय

हर घर तिरंगा 
यानि हर घर में आशा और विश्वास 
प्रेम और सौहार्द्र 
सुनहरे भविष्य का सपना भी पल रहा
तिरंगा के साथ रोटी , कपडा और मकान भी
तब ही भारत का सपना भी साकार 

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