क्या पकाया
क्या पहना
कहाँ गई
दिन कैसे कटा
बोर नहीं होती
उसके बाद
बात आ जाती है
पति पर
बच्चों पर
फिर धीरे-धीरे वह आगे बढा
तुम्हारी दुखती रग पर हाथ रखा
तुम समझ पाती उससे पहले ही सब उगलवा लिया
सहानुभूति का मरहम लगाया
तुम्हारा दिमाग खराब
मैंने ऐसा क्यों किया
तब बच कर रहना
जगह-जगह पर ऐसे लोग
काट भी लेते हैं
पता भी चलने नहीं देते ।
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