Saturday, 6 August 2022

संभल कर रहना

तुमने क्या खाया
क्या पकाया
क्या पहना
कहाँ गई
दिन कैसे कटा
बोर नहीं होती
उसके बाद
बात आ जाती है
पति पर 
बच्चों पर
फिर धीरे-धीरे वह आगे बढा
तुम्हारी दुखती रग पर हाथ रखा
तुम समझ पाती उससे पहले ही सब उगलवा लिया
सहानुभूति का मरहम लगाया
तुम्हारा दिमाग खराब 
मैंने ऐसा क्यों किया
तब बच कर रहना
जगह-जगह पर ऐसे लोग
काट भी लेते हैं 
पता भी चलने नहीं देते  ।

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