वो मस्ती की बातें
वो मस्ती की शामें
सभी कुछ है जवानी के नामें
वह जवानी भी थी लाजवाब
जिसका हर पल था खिलखिलाता
हर बात पर नोक झोंक
बिना कारण चिल्लाना
वह गपशप का दौर
ऑखों में लिए बडे बडे सपने
वह जवानी भी थी मुस्कराती
न कोई भूत था ना वर्तमान की खबर
भविष्य की तो बात ही छोड़ दे
क्या दौर था वह भी
हसीन इतना कि आज भी याद कर होठों पर हंसी आ जाती है
वे फालतू की बातें अब गुदगुदाती है
मन के किसी कोने में बैठ कर मुस्कराती है
वो बडे बडे ख्वाब जो थे दुनिया से अंजान
सोच कर खुद को ही बेवकूफ मानते हैं
जीया तो सही एक अलग सी जिंदगानी
वह जवानी, जवानी भी क्या जिसकी कोई कहानी न हो
जवानी जिंदाबाद
हमेशा दिल में जवान बनी रहे
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