हमारी नयी - नयी शादी हुई थी ।
मैंने उनको कहा कि आज गार्डन चलेंगे
कैसे ही तैयार हुए जाने पर कहते हैं इसमें क्या देखना
हमारे तो गांव में पेड़ ही पेड़ और हरियाली है
दूसरा वाकया फिल्म देखने का
क्या बेकार में देखना घर में टेलीविजन पर देखो
बेकार का पैसे खर्च करना
तीसरा वाकया समुंदर किनारे बैठ कर बातें करेंगे
लहरों को निहारेगे
घर में बात करने का समय नहीं मिलता है क्या
आज होटल से खाना मंगाए या जाएं खाने
क्या जरूरत है
तेल - मिर्च- मसाला भरा रहता है और ऊपर से वेटर सर पर सवार
मॉल में चले
अरे कितनी भीड़ रहती है और सेल्स गर्ल आगे - पीछे घूमती है तो परेशनी होती है
मेला लगा है
क्या जाना वहाँ
धक्का - मुक्की होती है
ऐसे न जाने कितने वाकये
अभी होली आई तो याद आ गया
एक दिन पहले से ही घर में ऐसे कि कोई जबरन रंग देगा
बिल्डिंग कंपाउंड में आर्केस्ट्रा था तो गए साथ में
कान फटने लगा गाना सुन
इस आदमी की दौड़ घर से सब्जी मार्केट तक
बला का नीरस
बस काम से काम
साथ वाले की मनस्थिति का अंदाजा लग ही गया होगा
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