वह भी उसकी इच्छा
फसल तैयार होगी
अपने उसके समय पर
चाहे कितना खाद - पानी दें
बरसात होगी
ऊपर वाले की इच्छानुसार
किसान पर नहीं
आपकी इच्छानुसार कुछ हो तो अच्छा है
न हो तो धैर्य रखने के सिवाय कुछ नहीं
यह नहीं तो वह सही
जो अपने हाथ में नहीं
तब क्या
वह ऊपर वाले पर
नियति पर
भाग्य पर
क्या पता था
जिसका सुबह राज्याभिषेक होने वाला था
उसको 14 वर्ष के लिए वनवास
जंगल- जंगल भटकना पड़ा
धैर्य रखें
माली सींचे सौं घड़ा
ऋतु आए फल होए
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