Tuesday, 12 March 2019

ईश्वर की मेहरबानी

हाथ मे काठी
मुख मे राम
चेहरे पर मुस्कान
आशिर्वाद के लिए लरजते शब्द
अभिवादन के लिए जुडे हाथ
मंदिर की घंटियाँ बजाते कंपकंपाते हाथ
अस्फुट स्वर मे गुनगुनाते भजन
डगमगानते कदम
फिक्रमंद होते हुए ये लोग
उम्र भले ही हो गई हो
जज्बा तो कायम है
सहायता को अब भी तत्पर
भले उठने बैठने मे असमर्थ
ये ऐसे ही रहे
सर पर इनका हाथ रहे
हम इनसे हैं यह हमसे नहीं
यह आधार हैं परिवार का
इनका साथ यानि ईश्वर मेहरबान

No comments:

Post a Comment