भारत के लाल
लाल बहादुर शास्त्री
कद तो था छोटा
पर काम बड़े
आजाद भारत के नेहरू जी के बाद दूसरे प्रधानमंत्री
जिम्मेदारी सौंपी थी देश ने
शास्त्री जी ने निभाई भी ईमानदारी से
ताशकंद समझौता हुआ
शास्त्री को दिल का दौरा पड़ा
उनकी मृत्यु भी संदेहास्पद
सादगी की मूरत धे
ईमानदारी कूट कूट कर भरी थी
किसान के बेटे थे
गाँव से निकले थे
किसानों की हालत से अनभिज्ञ नहीं थे
तभी तो नारा दिया
जय जवान जय किसान
जवान सीमा पर तो किसान खेतों में
दिन रात जूझता रहता है
शास्त्री जी का शासनकाल ज्यादा तो नहीं रहा
समय से पहले ही काल ने उन्हें ग्रस लिया
गरीब के घर जन्में थे
ऐसे गुदड़ी के लाल हमेशा नहीं जन्म लेते हैं
गांधी और शास्त्री एक ही दिन जन्मे
एक राष्ट्रपिता की उपाधि से नवाजे गए
शास्त्री जी का योगदान भी कम नहीं
बापू को याद करे
पर शास्री जी को न भूले
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Tuesday, 2 October 2018
लाल बहादुर शास्त्री
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