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Monday, 28 February 2022
वाह ! चांद
रशिया और युक्रेन का युद्ध
परछाई
Thursday, 24 February 2022
जो गुजर गया वह गुजर गया
Wednesday, 23 February 2022
आईना झूठ नहीं बोलता
Monday, 21 February 2022
ऊपर वाले का कैमरा
मुसाफिर
Saturday, 19 February 2022
तब क्या करूँ
कल का चांद
Monday, 14 February 2022
Happy Valentine day
Friday, 11 February 2022
इसकी क्या जरुरत
Thursday, 10 February 2022
एक थी लता
Monday, 7 February 2022
नहीं रही स्वर कोकिला
Saturday, 5 February 2022
अकेलापन
ये बेटियां
Friday, 4 February 2022
मैं दुर्योधन हूँ
Thursday, 3 February 2022
मतदान यानि महादान
मेरी कलम
रमेश देव
मत तराजू में तौलो
माँ सबसे बडी पाठशाला
आना और जाना
Wednesday, 2 February 2022
सर्व शक्तिमान
हम और हमारे बाबूजी
आपको याद करना तो एक बहाना है
आपको भूलना हमको कहाँ गंवारा है
आपकी सबमें बसने वाली जान
वह कैसे दूर चले जाना है
पितृपक्ष क्या हर वक्त हमारे साथ रहना है
ईश्वर के साथ आपका आशीर्वाद
बस यही है हम सबकी दरकार
सारी दुनिया एक तरफ
आपका प्यार एक तरफ
वह तो सब पर भारी
आप गए ही कहाँ
सबमें तो थोड़ा थोड़ा समाए
आशा की सादगी और गुस्से में
अशोक की व्यवहारिकता और सहनशीलता में
संजय की ईमानदारी और अनुशासन में
अनुभा की कर्मठता और जुझारूपन में
ऋषभ की धीरता और शांत स्वभाव में
अलख के बुद्धिमानी और सीधापन में
वेदांत की च॔चलता और बेफिक्री में
आस्था का तर्क वितर्क और अपनापन में
मनु का ऑख बंद कर मुस्कराने के भोलेपन में
खाना खाते समय
सर छिलाया रूप
किसी की खिलखिलाती हंसी
नानवेज खाते
मन ही मन मुस्कराते
जमीन और चटाई पर लेटते
खाना खिलाते
हर क्षण में किसी न किसी रूप में समाए बाबूजी
ज्यादा न सही थोडा ही सही
कभी किसी रूप में कभी किसी रूप में समाए
किसी की ऑखों में
किसी की चंचलता में
किसी के माथे पर
किसी की हंसी में
किसी के थीरज में
किसी की मेहनत में
किसी की बातों में
किसी की हार न मानने वाले जीवटता में
किसी की नींद में
संसार जिसका अपने बच्चों के इर्द-गिर्द हो
बिना किसी की परवाह
अपने काम से काम
बच्चों में बसती हो जिसकी जान
उसका साथ छूटना तो मुमकिन नहीं
जिंदगी के साथ भी
जिंदगी के बाद भी
बाबूजी है हमेशा हमारे साथ